Thursday, November 25, 2010

एक और बहाना

तुम्हारी आँखों की इस रात में
जो सितारे चमकते हैं
हर रात उन्हें मेरे घर का हरसिंगार चुरा लाता है

मैं रात देर तक उसके नीचे खड़ा तुम्हारी खुश्बू लेता हूँ
और अलसुबह उन्हें बीन लाता हूँ
तुम्हें फिर से लौटाने के लिए

इस तरह मैं तुमसे मिलने और उस सितारों भरी रात को महसूसने का
एक और बहाना उठा लाता हूँ

3 comments:

  1. रात, हरश्रंगार, सितारे, सब के सब प्रतीक एक चाह भरी बात के।

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  2. इस तरह मैं तुमसे मिलने और उस सितारों भरी रात को महसूसने का
    एक और बहाना उठा लाता हूँ
    मिलने का इससे ज्यादा अच्छा बहाना नहीं सुना... बहुत खूब...

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